नकारात्मक विचारों से छुटकारा कैसे पायें ?
नकारात्मक विचार हमारे मानसिक और शारारिक स्वास्थ्य का दुश्मन हैं। नकारात्मक विचारों से डर और तनाव पैदा होता है। यदि नकारात्मक विचारों को आपने नहीं रोका तो यह आपके दिमाग में अपना घर बना लेते हैं, जिससे आपका जीवन अच्छा खासा नर्क बन जाता है। यदि आपको भी नकारात्मक विचार घेरे हुए हैं या जल्दी घेर लेते हैं। तो यह आर्टिकल ‘नकारात्मक विचारों से छुटकारा कैसे पायें’ आपके लिए है –
नकारात्मक विचार क्या हैं, क्यों आते हैं और इनसे कैसे बचा जाये, आइयें जानते हैं। –
नकारात्मक विचार क्या हैं ?
आप सोच कर देखें – यदि आप किसी जॉब के इंटरव्यू के लिए जा रहें हो तो उस समय आपके दिमाग में क्या ऐसे विचार चलते हैं – क्या होगा अगर में रिजेक्ट हो गया गया ? या पता नहीं में सेलेक्ट हो पाऊंगा या नहीं ? या मैंने मेहनत तो पूरी की है पर पता नहीं मेरा नसीब मेरा साथ देगा कि नहीं।
जब आप अपने दिमाग में ऐसे मैसेज डालना शुरू कर देते हो तो इन्हीं को नकारात्मक विचार (Negative Thoughts) कहा जाता है। नकारात्मक विचार लगातार हमे यह अहसास दिलाते हैं की पूरी दुनिया एक अँधेरा कुआँ है और हम उसमे समाते जा रहा हैं, और न वहाँ उजाला है और न ख़ुशी।
सकारात्मक विचार और नकारात्मक विचार में क्या अंतर है ?
हमारा दिमाग दो भागो में बटा होता है। एक भाग का नाम है मिस्टर पॉजिटिव यानी श्रीमान सकारात्मक और दूसरे मिस्टर नेगेटिव यानी श्रीमान नकारात्मक। मिस्टर पॉजिटिव थोड़े ऐटिटूड में रहते हैं इनका प्रयोग करने के लिए आपको इनको वश में करना होगा। अगर आप इनको वश में करने के बाद ये आपके गुलाम हो जाते हैं और आपकी हर आज्ञा का पालन करते हैं। आपको नई ऊर्जा और जीवन में सफलता दिलाकर ही चेन लेते हैं। आपके चेहरे पर आत्मविश्वास की चमक पैदा करते हैं। आपको बताते हैं की पूरी दुनिया बहुत खूबसूरत है।
अब करते हैं मिस्टर नेगेटिव की बात। मिस्टर नेगेटिव थोड़े कोमल स्वाभाव के होते हैं। इनका प्रयोग करने के लिए आपको ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं। ये तुरंत आपकी बात को स्वीकार कर लेते हैं। लेकिन इनकी खास बात यह है की आप इनको गुलाम नहीं बना पाते बल्कि ये आपको गुलाम बना लेते हैं। फिर ये जो चाहते हैं वो होकर रहता है। ये आपको आलसी, संकोची, गुस्सैल, चिड़चिड़ा बनाते है। यह आपको बताते हैं की दुनिया अंधकार से ग्रसित है। आप बेचारे हैं। आपकी किस्मत ख़राब है। आपने ऐसे क्या किया की भगवान ने आपको ऐसा बनाया।
नकारात्मक विचार क्यों आते हैं ?
नकारात्मक सोच दो बातों से आती है, पहली जो काम या बात आप करने जा रहें हैं उसे सोच कर डर पैदा होना, और डर होने पर नकारात्मक विचार आना, जो स्वभावितक है। दुसरी बात जो काम, घटना या कोई बात हो चुकी है उसे सोच सोच कर तनाव पैदा होना, और नकारात्मक विचार आना।
आत्मविश्वाश का कम होना नकारात्मक विचारों का जन्म देता है और नकारात्मक विचार आने पर आत्मविश्वास कम हो जाता है यह दोंनो एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
समस्या आने पर नकारात्मक विचार आते हैं जिसके कारण छोटी समस्या बड़ी लगने लगती हैं। यदि एक बार किसी काम में असफल हुए तो हमें बार बार लगता ही कि इस बार भी असफल होंगे। परिणाम यह होता है, या तो हम उस काम को दुबारा शरू ही नहीं करते या करते हैं तो अपने नकारात्मक विचारों के कारण असफल हो जाते हैं। जिससे हम नकारात्मक से नकारात्मक होते चले जाते हैं।
अपना आत्मविश्वास बढ़ाये
नकारात्मक विचारों की सबसे गहरी जड़ है आत्मविश्वास का कम होना। आपको अपने आत्मविश्वास को बढ़ाना होगा।
अपनी बॉडी लैंग्वेज को बदलें
अपनी बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान दे। कही आप सुस्त तो नहीं हैं ? सुस्ती व्यक्ति में नकारात्मकता को बढाती है। हमेशा ऊर्जावान रहने की कोशिश करें।
अपने बैठने, उठने चलने पर ध्यान दें। झुक कर बैठने – चलने की बजाये सीधा बैठे और चलें। नार्मल से थोड़ा तेज चलें।
सिर झुककर नहीं बल्कि आँखें मिलाकर बातें करें। मुरझाया चेहरा नहीं, एक मुस्कुराता चेहरा रखें।
नकारात्मक विचारों को नकारते जाएँ
नकारात्मक विचार आना स्वाभाविक होता हैं। आपको देखना होगा की कौन सा विचार आपके लिए अच्छा है और कौन सा विचार खराब।
अगर कोई आपको ऐसा खाना दें जिसमे बदबू आ रही हैं तो यकींनन वो खाना आप नहीं खाएंगे। इसी तरह नकारात्मक विचारों को पहचाने और अवॉयड करते जायें। सिर्फ सकारात्मक विचारों को आने दें। हो सकता है शुरू शुर में थोड़ा मुश्किल हो पर बार बार ऐसा करने पर नकारात्मक विचार आना बंद हो जायँगे।
अपने दिमाग को शांत रखें
आपने ध्यान दिया होगा जब हमारे दिमाग में उथल पुथल होती हैं यानि हमारा मन अशांत होता हैं तभी नेगेटिव थॉट्स आना शुरू हो जाते हैं।
जब भी दिमाग में अशांति हो एक जगह बैठ जाएँ और गहरी गहरी सांसे ले और अपने दिमाग को शांत होता महसूर करें। जब आपका दिमाग शांत हो जायेगा तो नकारात्मक विचार नहीं आएंगे। यदि आएं तो आप ऊपर के पोइन्स को अपनाएं।
अपना ध्यान कही और लगा दें।
जब भी नकारात्मक विचार आएं अपना ध्यान उन विचारों से हटा दें। खाली न बैठें, आप अच्छी किताबें पढ़ें, अपना मनपसद काम करने लगें। नेगटिव थॉट्स आना बंद हो जायेंगे।
समस्याओं को हल करने का प्रयास करें
जब भी कोई समस्या आये तो समस्या पर ध्यान केंद्रित करने के बजायें समाधान खोजियें। सकारात्मक सोच रखते हुए जब आप समस्याओं को हल करने का तरीका खोजेंगे तो नकारात्मक विचार आना बंद हो जायेंगे।
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