सफलता का दुश्मन है कम्फर्ट जोन !
सफलता का दुश्मन है
आप जो भी कर रहें हैं आप उससे खुश हैं ? कुछ नया इसलिए नहीं रहे हैं क्योंकि वाकई आप इससे खुश हैं या यह आपका कम्फर्ट जोन बन चुका हैं। आइये जानते हैं क्या है यह कम्फर्ट जोन और क्यों यह आपकी सफलता का दुश्मन है। क्यों इससे छुटकारा पाना जरूरी है।
कम्फर्ट जोन क्या है ?
कम्फर्ट जोन का मतलब है आराम क्षेत्र यानी आप जो भी कर रहे हैं उसमे आप कंफर्ट हैं। आपने अपना एक दायरा कायम कर लिया है और इस दायरे में अपने आप को आप महफूज़ समझते हैं। क्यों इस दायरे से बाहर आप सोचना ही नहीं चाहते। आप के अंदर डर है कही अभी जो है, वो भी न चला जाये।
आप सफलता के सपने दो सजोते हैं पर उन्हें पूरा करने के लिए अपने कम्फर्ट जोन से बाहर नहीं निकलता चाहते।
अगर सफल होना हैं तो कम्फर्ट जोन को छोड़ना पड़ेगा
‘कम्फर्ट जोन’ यह आपकी सुविधा क्षेत्र है , अगर आपको सफल होना हैं तो इसके बाहर कदम रखना होगा। अपने जूनून की खोज करनी होगी। अपने लक्ष्यों को पूरा करने और खुशी पाने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाना होगा।
हालाँकि आप अपने कम्फर्ट जोन में आराम से हैं और सभी चाहते है की लाइफ आराम से कटे, पर क्या ऐसे ही चलने देना चाहियें। लेकिन सफल होना हैं, कुछ करना हैं तो इससे बाहर आना होगा। यह बात सब जानते हैं तो, हम अपने सुविधा क्षेत्र में क्यों रहते हैं?
इसका सीधा सा जबाब है – किसी नई चीज को क्रिया में स्थानांतरित होने के लिए ऊर्जा , समय और ज्ञान लगता है। जिससे हम बचना चाहते हैं या डरते हैं की कही असफल न हों जाएँ। यह जीवन का एक सरल तथ्य है।
हम कम्फर्ट जोन में हैं इसका मतलब यह नहीं की हम आराम से और खुश हैं। लेकिन ऐसा करना हमारी दिनचर्या में शामिल हो चुका है। आप अपने आराम क्षेत्र से बाहर कदम न रखकर अपने आप को वो इंसान बनने से रोकते हैं जो वास्तव में आप बनना चाहते हैं। आप वो करने से रोक रहें हैं जो वास्तव में आप करना चाहते हैं।
“आराम क्षेत्र एक मनोवैज्ञानिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति आराम से और सुरक्षित महसूस करता है। जब तक आप अपने कम्फर्ट जोन से बाहर नहीं निकलते, आप अपना जीवन कभी नहीं बदलते; परिवर्तन आपके सुविधा क्षेत्र के अंत में शुरू होता है।”
कम्फर्ट जोन आपके विकास को रोकता है
आप अपनी लाइफ या तो जी रहें हैं या मर मर के जी रहें हैं ‘आपको ऐसा सुन्ना शायद अच्छा न लगे पर यह सही है। आप यह आर्टिकल पढ़ रहें हैं यानी आप वास्तव में अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकल कर कुछ ऐसा करना चाहते है जो आप वास्तव में करना चाहते हैं और उसमे सफल होना चाहते हैं।
कम्फर्ट जोन आपको नई चीज़े करने से रोकता हैं
उन्होंने किया और सफल भी हुए। या आप इसे इस तरह भी कह सकते है वो कुछ नया करना चाहते थे, हालाँकि उनके पास ऐसे अवसर थे जिसे अपनाकर वो आराम से अपनी लाइफ गुजार सकते थे पर वो कुछ नया करना चाहते थे इसके लिए वो अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकले। मुश्किलों का सामना किया और सफल हूये।
आपने अलेक्जेंडर ग्राहम बेल का नाम जरूर सुना होगा। उन्होंने टेलीफोन का अविष्कार किया। एपीजे अब्दुिल कलाम जिन्होंने अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइल्स को स्वदेशी तकनीक से बनाया, सत्येंकनाथ बोस जिहोने अल्बर्ट आइंस्टाइन के साथ मिलकर बोस-आइंस्टीन स्टैटिस्टिक्स की खोज की, दशरथ माँझी जिन्होंने जिन्हें माउंटेन मैन भी कहा जाता है, केवल एक हथौड़ा और छेनी लेकर इन्होंने अकेले ही 360 फुट लंबी 30 फुट चौड़ी और 25 फुट ऊँचे पहाड़ को काट के एक सड़क बना डाली। ऐसे कई नाम नाम है जिन्होंने अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलकर कुछ नया करे की कोशिश की और सफल हुए।
अपने कम्फर्ट जोन से छुटकारा कैसे पाएं
सबसे पहले आपको अपनी क्षमता को जानना होगा. आत्मविश्वाश के साथ सही प्रयास और थोड़े धैर्य रखकर कम्फर्ट जोन से बाहर निकला जा सकता है। बस आपको इसे करने का सही तरीका पता होना चाहिए।
आप कुछ नया करना चाहते हैं, एक सफल जीवन जीना चाहते है, नाम और पैसा कमाना चाहते हैं तो सबसे पहले इस बात को ध्यान रखें की जो भी करें वो इसलिए नहीं करे की में सफल हो जाऊँगा या में अमीर और जाऊँगा बल्कि अपना काम अपना लक्ष्य इसलिए करें क्योंकि यह मुझे करना हैं यह मेरी जींद है मेरा सपना है और मुझे अपना बेस्ट देना है। इसके लिए मुझे जो भी करना होगा में करूँगा अपने कम्फर्ट जोन से बाहर रहकर सोचूंगा। यकीन मानिये आपको सफल होने से कोई नहीं रोक पाएगा।
कम्फर्ट जोन से बहार निकलना यानि आप जो अभी कर रहें हैं उसके खिलाफ काम करना, अपने आराम के खिलाफ काम करना, अपनी एक सीधी जाती जिंदगी की खिलाफ काम करना। याद रखें समुद्र की किनारे जहाज खड़ा अच्छा नहीं लगता क्योंकि उसकी कीमत समुद्र में चलने और लहरों के खिलाफ जाने से होती है।
आप अभी जो भी कर रहें अगर उस काम को अभी या एकदम से नहीं छोड़ सकते तो आप जो भी करना चाहते है (यानि आपको जो भी लक्ष्य हैं ) उसके लिए जितना हो सके टाइम निकालिये, अपनी प्रतिभा को निखारिये और जब आपको लगाने लगे की अब आप अपने सपने को सच कर देंगे। परिणाम आना शुरू हो जाये तो धीरे धीरे अपने उस काम को जो आप नहीं करना चाहते थे छोड़ दीजिये और अपने लक्ष्य को पाने में लग जाइये।
धीरे धीरे आगे बढ़े और रुके न। यदि आप पहला छोटा कदम रखते हैं, तो आप अगला कदम उठाने की अधिक संभावना रखते हैं – भले ही यह कुछ बड़ा हो। यह मेरा मतलब है कि जैसे जैसे आप एक एक कदम बढ़ते जायेंगे आपको आत्मविश्वास बढ़ता जायेगा। आप कम्फर्ट जोन से बहार निकल जायेंगे।
एक व्यक्ति जो बॉडीबिल्डर बनाना चाहता है और अपना नाम कमाना चाहता है तो वह सोफे पर बैठकर मिल्क शेक पीकर ऐसा नहीं कर सकता, इसके लिए उसे बजन उठाना होगा अपने शरीर को तकलीफ देनी होगी जो शुरू में बहुत तकलीफ देय होगा, पर जितना वो यह करता जायेगा उसे आगे उतना ही आसान लगता जायेगा और वो इसलिए सफल हो जायेगा क्योंकि उसने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलकर काम किया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें