इच्छा शक्ति क्या है ?
इच्छा शक्ति दो शब्दों से मिलकर बना है ; इच्छा + शक्ति = इच्छा शक्ति। पहले ज़रूरी है किसी चीज़ को पाने की, किसी काम में सफल होने की आपकी इच्छा (Will), उसके बाद उस इच्छा को बनाये रखने की शक्ति (Power)। अपने फैसले पर अपनी आदतों को बदलने और किसी काम में दृण रहने की शक्ति ही आपकी इच्छा शक्ति है।
आप अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहते है यह आपकी इच्छा है, उसके लिए आपको व्यायाम करना होगा, जो आपके लिए एक आलस्य भरा काम हो सकता है। इसके बाबजूत आपकी इच्छाशक्ति दृण है, तो आप जो चाहते हैं वो होगा।
आप कुछ भी पाना या छोड़ना चाहते हैं, यह तभी संभव हो पाता है जब आपकी इच्छा शक्ति दृण होगी
इच्छाशक्ति ही आपके संकल्प को साकार बनाती है। आप अपनी असफलताओं से, अपनी मुसीबतों से तभी लड़ सकते हैं जब आपकी इच्छा शक्ति मज़ूबत हैं। जो लोग जीवन में सफल नहीं हो पाते उसका प्रमुख कारण इच्छाशक्ति का न होना है। अपनी इच्छाशक्ति के बल पर आप बड़ी से बड़ी बाधाओं को भी पार कर लेते है।
इच्छाशक्ति कैसे बढ़ाये ?
इच्छाशक्ति (Will Power) एक ऐसी प्रतिक्रिया है जो हमारे मानसिक और शारारिक दोनों पर निर्भर करती है। इच्छाशक्ति (Will Power) को बढ़ाया जा सकता है। इच्छाशक्ति को कैसे बढ़ाया जाये – इसके लिए कुछ बिंदुओं को जानते हैं –
तनाव को कम करना सीखें (Reduce Stress)
इच्छाशक्ति में ‘शक्ति’ शब्द का प्रयोग हो रहा रहा है, जबकि तनाव हमारी मानसिक और शारारिक शक्ति को कमज़ोर करता है। तनाव में जो भी फैसला लिया जाता हैं वह कई बार गलत हो जाता है। तनाव में आना इच्छाशक्ति (Will Power) को कम कर देता है।
सकारात्मक रवैया (Positive Attitude)
सकारात्मक दृष्टिकोण रखने से आपका जीवन का दृष्टिकोण व्यापक, संभावनाओं से भरा लगता है। सकारात्मक सोच आपके इरादों को दृण करते हैं जिसके फलस्वरूप आपकी इच्छाशक्ति बढ़ जाती है।
इसके विपरीत आपका नकारात्मक रवैया आपकी इच्छाशक्ति को कम करता जाता है। सकारात्क सोच से आप स्वाभाविक रूप से बेहतर कौशल विकसित कर सकते हैं।
किसी भी कार्य के प्रति सकारात्मक रवैया आपमें कॉन्फिडेंस लाता है, कॉन्फिडेंस आपके अंदर दृण इच्छाशक्ति का विस्तार करता है। नकारात्मक दृष्टिकोण भय को बढ़ावा देते हैं, और ध्यान और मन को संकुचित करते हैं। हमेशा सकारात्मक सोचें, सकारत्मक निर्णय लें, जोकि इच्छाशक्ति को बढ़ने के लिए अनिवार्य है।
खुद को प्रोत्साहित करें (Encourage Yourself)
किसी काम को करने से पहले आप कहते हैं ‘मैं नहीं कर सकता पर कोशिश कर लेता हूँ।’ आप सोचिये आपकी इच्छाशक्ति ऐसा कहने से बढ़ेगी या कम होगी ? यकीनन कम हो जायगी। हर बार किसी काम को करने से पहले आप कहते हैं मैं नहीं कर पायूँगा तो आप एक प्रतिक्रिया का लूप बना रहे होते हैं जो आपकी इच्छाशक्ति (Will Power) ख़तम कर देता है।
आप प्रश्न करें ‘मैं यकीनन कर पायूँगा या कर पाऊँगी’। आप सोचिये आपकी इच्छाशक्ति ऐसा कहने से बढ़ेगी या कम होगी ? यकीनन बढ़गी। इच्छाशक्ति के बढ़ने से आप सोचते है ‘कैसे होगा। इच्छाशक्ति के न होने पर आप सोचते हैं ‘नहीं होगा’। इच्छाशक्ति होने पर आप काम के रास्ते ढूढ़ते हैं और न होने पर आप बचने के रास्ते ढूढ़ते हैं।
किसी भी काम को करने से पहले आपके अंदर से आवाज़ आनी चाहियें यह मैं कर लूंगा। जब आप ऐसा कहते हैं तो आपकी इच्छा शक्ति बढ़ जाती हैं फिर आपको करने के रास्ते दिखना शुरू हो जाते हैं। एक पुरानी कहावत है ‘जहाँ चाह वहाँ राह। खुद को प्रोत्साहित करते रहें। आप जैसा सोचते हैं आप वैसा ही करने लगते हैं और आप जो चाहते हैं वैसा ही होने लगता है।
व्यायाम और पोषण
यदि आप थके हुए हैं, कमज़ोरी महसूर कर रहे होते हैं या बीमार हैं तो आपकी इच्छाशक्ति भी कम होती जाती है। एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क होता है। एक स्वस्थ शरीर जोश से भरा हुआ होता है। एक स्वस्थ दिमाग निर्णय लेने में सक्षम होता है और इच्छाशक्ति मज़बूत होती है।
आप आलस्य से भरे हुए, झुके कन्धों, झुकी हुई गर्दन और मुरझाये हुए चेहरे से एक मज़बूत इच्छा शक्ति नहीं बना सकते, इसके लिए आपको, आपके शरीर को स्वस्थ रखना होगा जोकि प्रतिदिन व्यायाम और अच्छे पोषण आहार से ही संभव है।
अपनी सीमाएँ बढ़ाएँ
अपने आप को एक दायरे में न बांधें। अपनी सीमायें (Limits) को धीरे धीरे बढ़ायें। जैसे जैसे आप अपनी सीमाओं को बढ़ाते जाते हैं आपकी इच्छाशक्ति भी बढ़ती जाती है।
ध्यान
आपकी इच्छाशक्ति का बढ़ना या कम होना आपकी मानसिक प्रतिक्रिया के परिणाम स्वरुप प्रभावित होती है। ध्यान के द्वारा आप अपनी इच्छाशक्ति को बढ़ा सकते हैं। हो सकता है Meditation सुनने में एक साधारण सा शब्द लगे, लेकिन यह शब्द वो कर सकता है जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते।
अपने ऊपर विश्वास रखें
यदि आपको अपने ऊपर विश्वाश नहीं है तो कोई और आप पर विश्वास क्यों करेगा। हो सकता है कि हर बार आप बेहतर न कर पायें पर घवराने और निराश होने से कुछ हाँसिल नहीं होता बल्कि आपकी इच्छाशक्ति भी कम होती जाती है।
वक्त चाहें कैसा भी हो आप अपने आप पर हमेशा विश्वाश रखें, गलतिओ से हमेशा सीखने की कोशश करते रहें। अपनी इच्छा शक्ति को कभी कम न होने दें।
धैर्य रखें
जब आप हड़बड़ाहट में होते हैं तो अक्सर गलत फैसले लेते हैं जिसके कारण आप अपनी इच्छाशक्ति को खोते जाते हैं। हमेशा धैर्य रखें। जब किसी काम को आप धैर्य रखकर करते हैं तो उस काम को बेहतर तरीके से कर पाते हैं। आपका धैर्य रखना आपकी इच्छाशक्ति को बढ़ता है।
सामना करें
किसी भी चीज़ से बचना आपकी इच्छाशक्ति को कमज़ोर करता जाता है। वो चीज़ कोई भी समस्या हो सकती है, व्यक्ति हो सकता है, हालात हो सकते हैं या कोई समय हो सकता है। हर उस चीज़ का सामना करें जिससे आपको डर लगे। जैसे जैसे आप उन चीज़ो का सामना करने लग जाते हैं जिनका सामना आप नहीं करना चाहते, आपकी इच्छाशक्ति बढ़ती जाती है।
ईर्ष्या मत करो
आपको शायद ऐसा न लगे पर वास्तव में आपका ईर्ष्या करना आपकी इच्छाशक्ति का अंत कर देता है। आप महसूस करें यदि आप किसी व्यक्ति के व्यापार को लेकर, किसी के पैसे को लेकर, किसी की सफलता को लेकर उससे ईर्ष्या करते है तो आप उस व्यक्ति से ईर्ष्या नहीं करते बल्कि आप ऐसा नहीं बन पा रहे इस बात को लेकर अपने आप को कोसते हैं आपके अंदर हीन भावना का जन्म होता है। इसी भावना आपकी इच्छाशक्ति को बिलकुल ख़त्म कर देती हैं। अगर आपको अपनी इच्छाशक्ति को बढ़ाना है तो किसी से भी ईर्ष्या न करें।
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