क्षिप्रता और दक्षता

 

क्षिप्रता और दक्षता

क्षिप्रता सहित दक्षता को साध लो, और नजर रखो भी-- मनुष्य के प्रयोजनानुसार हावभाव पर ; और हावभाव को देखकर ही जिससे प्रयोजन को अनुधावन कर सको-- अपने बोध को इसी प्रकार तीक्ष्ण बनाने की चेष्टा करो; इसी प्रकार ही-- क्षिप्रता और दक्षता सहित-- मनुष्य के प्रयोजन को अनुधावन कर सेवा-तत्पर बनो, -- देखोगी-- सेवा का जयगान तुम्हें परिप्लुत कर देगा।

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