हम हैं राष्ट्र की आधी आबादी
सुख का अर्थ वही है जो being को ( सत्ता या जीवन को ) सुस्थ, सजीव और उन्नत कर पारिपार्श्विक को उस प्रकार बना दे, -- और प्रकृत भोग तभी वहाँ उसे अभिनंदित करता है।
--: श्री श्री ठाकुर, नारी नीति
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